कैसी साक्षरता?

 फाल्गुन की एक सुबह प्रदूषित दिल्ली के एक चौराहे पर चाय पी रहा था अखबार पढ़ने के लिए उठाया ही था कि एक अधेड़ गरीब महिला अपने अंधे पति को सहारा देते हुए चाय की दुकान पर आई उसने दो चाय और एक टोस्ट मंगाया अपने पति को चाय व टोस्ट खिलाते हुए वह खुद भी चाय पीने लगी मैंने अखबार खोला उड़ती हुई नजर अचानक एक खबर पर जाकर टिक गई लिखा था "एमएनसी में कार्यरत महिला ने अपने इंजीनियर पति की लंबी बीमारी से तंग आ कर दिया तलाक; मैंने अखबार बंद किया वह महिला उठी उसने अपने पति को सहारा दिया और आगे बढ़ गई मैं अवाक होकर उस मैली साड़ी पहने महिला को जाते हुए देख रहा था क्योंकि मुझे आज साक्षरता ,आत्मनिर्भरता की परिभाषा समझ में आ गई थी

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