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How are the houses of eastern kshatriya (purbiya Rajputs) made

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भारतीय युद्ध परंपरा में चार तरह के किलों का वरणन है ।  गिरि  दुर्ग (पहाड़ी किला ) ,वन दुर्ग( पेड़ पौधों से बनाये गए किले ), जल दुर्ग (तालाब से बनाये गए किले ) और नर दुर्ग (सैनिकों की सहायता से किसी भूमि की रक्षा करना )| हालांकि इन सभी किलों में पहाड़ी किलों को सबसे उत्तम माना गया है लेकिन मैदानी इलाकों में  केवल वनदुर्ग या जल दुर्ग ही श्रेष्ठ माने जाते थे |18 वीं शताब्दी के अंत तक  अवध के विशाल मैदान में देशी कंटीले बांसों का उपयोग वन दुर्ग बनाने में किया जाता था जिसे बांस की कोट अथवा बँसवार कोट(kot ) कहते थे कोट एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है किला | वास्तव में मैदानी क्षेत्रों में बनाये जाने वाले इस प्रकार के किले  जल दुर्ग और वन दुर्ग का मिश्रित रूप थे | इन किलों को बनाने के लिए केंद्रीय  भूमि के चारों ओर गहरी खांई खोद दी जाती थी और निकाली हुयी मिट्टी  से केंद्रीय भूमि को पाट  कर ऊंचा कर दिया जाता था , इसके बाद केंद्रीय भूमि के किनारे- किनारे कंटीले बांस की झाड़ियाँ लगा दी जातीं थी | बांस प्रकृति  का एक अनूठा उपहार है, बां...

कौशिक राजपूत/कौशिक क्षत्रियों का इतिहास kaushik kshatriya Rajput history

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कौशिक राजपूत प्राचीन चन्द्रवंशी क्षत्रियों से सम्बंधित हैं कौशिक का अर्थ होता  है कुश के वंशज लेकिन  पाठक गण ध्यान रखें की ये रामायण के  कुश नहीं हैं  ,वास्तव में इनके मूलवंश का नाम अमवाशु  वंश है जोकि चन्द्रवंश के संस्थापक महाराज पुरुरवा के सबसे बड़े पुत्र अमवाशु के नाम पर पड़ा है अमवाशु के पुत्र का नाम कान्यकुब्ज था जिन्होंने कान्यकुब्ज नगर ( जिसे वर्तमान में कन्नौज कहा जाता है) की स्थापना की थी | इन्ही महाराज अमवाशु की आगे की पीढ़ी में राजा कुश  का जन्म हुवा जिनके नाम पर इस वंश का नाम कौशिक पड़ा  इनके  पुत्र का नाम कुशनाभ था, इंद्र के सामान बलशाली  महाराज गाधि    इन्ही कुशनाभ के पुत्र थे| महाराज गाधि  ने गाधिपुर नामक नगर बसाया था जिसे वर्तमान में गाजीपुर कहा जाता है  राजा गाधि  के दो पुत्र हुए पहले  पुत्र का नाम था गया जिनके नाम पर बिहार का  गया नगर बसा है और दूसरे पुत्र का नाम विस्वामित्र था जो की एक महान ऋषि थे विस्वामित्र जी को कौशिक मुनि भी कहा जाता है  इन्ही महान ऋषि विस्वामित्र से कौशिक गोत्...

1857 के अनजाने राजपूत योद्धा:एक परिचय

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यदि मै किसी से पूछूंगा की आप मंगल पांडेय या रानी लक्ष्मी  बाई को जानते हैं तो शायद सभी हाँ कहेंगे अब मैं आप से पूछता हूँ की क्या आप ठाकुर बंधू सिंह श्रीनेत को जानते हैं?चलिए छोड़िये क्या आप राजा लाल प्रताप सिंह को जानते हैं?मुझे सन्नाटा सा महसूस हो रहा है! आप ऐसे ही बहुतों को नहीं जानते आप बाबू गुलाब सिंह को भी नहीं जानते होंगे अब प्रश्न उठता है कि आप क्यों नहीं जानते? तो शायद इसलिए की  इतिहासकारों ने ये जरूरी नहीं समझा होगा क्योकि किसी  जमाने में कम्युनिस्टों का भारतीय शिक्षा क्षेत्र में दबदबा थाऔर कम्युनिस्ट लोग  किसी पर  वैचारिक आक्रमण करने से पहले  उस व्यक्ति के अंदर जाती और धर्म के नाम पर हीन भावना पैदा करने की कोशिश  करते हैं यही कारण है  की क्षत्रियों में हीन  भावना भरने के लिए उन्होंने उनके इतिहास के साथ  खिलवाड़ किया बहरहाल ये इस समय मेरे चर्चा का विषय नहीं है  1857 की क्रांति बंगाल इन्फेंट्री के सैनिकों ने की थी जिसमे 60 % से ज्यादा पुरबिया और करीब ३०%तैलंगी लोग थे पुराने समय में अवध पूर्वांचल और बिहार के राजपूतों को पुर...

कैसी साक्षरता?

 फाल्गुन की एक सुबह प्रदूषित दिल्ली के एक चौराहे पर चाय पी रहा था अखबार पढ़ने के लिए उठाया ही था कि एक अधेड़ गरीब महिला अपने अंधे पति को सहारा देते हुए चाय की दुकान पर आई उसने दो चाय और एक टोस्ट मंगाया अपने पति को चाय व टोस्ट खिलाते हुए वह खुद भी चाय पीने लगी मैंने अखबार खोला उड़ती हुई नजर अचानक एक खबर पर जाकर टिक गई लिखा था "एमएनसी में कार्यरत महिला ने अपने इंजीनियर पति की लंबी बीमारी से तंग आ कर दिया तलाक; मैंने अखबार बंद किया वह महिला उठी उसने अपने पति को सहारा दिया और आगे बढ़ गई मैं अवाक होकर उस मैली साड़ी पहने महिला को जाते हुए देख रहा था क्योंकि मुझे आज साक्षरता ,आत्मनिर्भरता की परिभाषा समझ में आ गई थी

The Philosophy Of Maandukya Upanishad

What should be the relationship between us and universe?There is a shloka in maandukya Upanishads which describes it loudly.                                                                                                                     "sukhasya dukhasya na koapi daata parodadaati kubuddhi resa,                                                                ahum karometi vrithabhimaanam swakarma sutra grathitho he loka;                                   ...